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भारत में खेत नापने के लिए प्रयोग होने वाले मात्रक

भारत में खेत नापने के लिए प्रयोग होने वाले मात्रक ****************************************** भारत के अधिकांश भागो में खेतों के नाप के लिए गज, हाथ, गट्ठा, जरीब, बिस्सा,बिस्वॉनसी, उनवांनसी, कचवानसी, बीधा, किल्ला, एकड, हेक्टेअर, मरला, कनाल आदि मात्रकों का प्रयोग होता हैं। इनके मान पूरे देश में अलग अलग हैं। अगर इतिहास में झांके तो अकबर के शासनकाल के 1571 ई. से 1580 ई. (10 वर्षों) के आंकड़ों के आधार पर भू-राजस्व का औसत निकालकर ‘आइन-ए-दहसाला’ लागू किया गया। इस प्रणाली के अन्तर्गत राजा टोडरमल ने अलग-अलग फ़सलों पर नक़द के रूप में वसूल किये जाने वाला लगान का 1571 से ई. के मध्य क़रीब 10 वर्ष का औसत निकालकर, उस औसत का एक-तिहाई भू-राजस्व के रूप में निश्चित किया। अकबर ने अपने शासन काल के 31वें वर्ष लगभग 1587 ई. में भूमि की पैमाइश हेतु पुरानी मानक ईकाई सन की रस्सी से निर्मित ‘सिकन्दरी गज़’ के स्थान पर ‘इलाही गज़’ का प्रयोग आरम्भ किया। यह गज़ लगभग 41 अंगुल या 33 इंच के बराबर होता था। वह ‘तनब’ तम्बू की रस्सी एवं ‘जरीब’ लोहे की कड़ियों से जुड़ी हुई बाँस द्वारा निर्मित होती थी। शाहजहाँ के काल म
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