मत्स्य पुराण हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में से एक है। यह एक सांहितिक (encyclopedic) ग्रंथ है, जिसमें धर्म, पुरातत्व, खगोलशास्त्र, भूगोल, वास्तुशास्त्र, तीर्थों का वर्णन, और पौराणिक कथाएँ मिलती हैं।
🔱 संक्षिप्त विवरण: मत्स्य पुराण
"मत्स्य" का अर्थ है मछली, और यह पुराण भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार (मत्स्य = मछली रूप) पर आधारित है।
मत्स्य अवतार की कथा:
भगवान विष्णु एक छोटी मछली के रूप में प्रकट होकर मनु को प्रलय के बारे में चेतावनी देते हैं, और सप्तऋषियों व जीवों को नौका द्वारा बचाते हैं।
ब्रह्मा, विष्णु, शिव और अन्य देवताओं की उत्पत्ति व कार्य।
दान, व्रत, तीर्थयात्रा, पिंडदान, श्राद्ध और विभिन्न धार्मिक विधियों का वर्णन।
मंदिर निर्माण, मूर्ति-स्थापना, नगर नियोजन और वास्तु सिद्धांतों का गहन वर्णन।
भारत के विभिन्न पवित्र तीर्थ स्थलों का महत्व और यात्रा-विधान।
राजधर्म और नीतिशास्त्र:
एक राजा के कर्तव्य, राजनीति के सिद्धांत और आदर्श शासन प्रणाली का वर्णन।
ज्योतिष और कालगणना:
नक्षत्र, तिथियों, योग, ग्रहों आदि का विवेचन।
📚 कुछ तथ्य:
इसमें लगभग 14,000 श्लोक हैं (संस्करण के अनुसार अलग-अलग)।
यह नारद, अग्नि और वायु पुराण की तरह एक सार्वभौमिक ज्ञान-ग्रंथ है।
इसे विष्णु-प्रधान पुराण माना जाता है।
नाम का अर्थ:
मुख्य विषय:
📜 मुख्य विषयवस्तु:
सृष्टि की उत्पत्ति:
धर्म और आचार:
वास्तुशास्त्र:
तीर्थों का विवरण:
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