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अमरनाथ की गुफा के बारे में अद्भुत रोचक बातें

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अमरनाथ की गुफा एक रहस्यमयी और पवित्र स्थान है जो हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व रखती है। यह गुफा जम्मू-कश्मीर में स्थित है और भगवान शिव के भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहाँ कुछ अद्भुत और रोचक तथ्य दिए गए हैं जो अमरनाथ गुफा को और भी विशेष बनाते हैं: 🕉️ अमरनाथ गुफा के अद्भुत रोचक तथ्य: 1. बर्फ से बनी शिवलिंग अमरनाथ गुफा में प्राकृतिक रूप से बर्फ से बना शिवलिंग बनता है, जिसे "हिमानी शिवलिंग" कहा जाता है। यह शिवलिंग श्रावण मास में अपने पूर्ण आकार में होता है और चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ इसका आकार भी घटता-बढ़ता है। 2. गुफा की ऊँचाई यह गुफा समुद्र तल से लगभग 3,888 मीटर (12,756 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ तक पहुँचने के लिए कठिन और जोखिमभरी यात्रा करनी पड़ती है। 3. भगवान शिव ने पार्वती को अमर कथा सुनाई थी पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव ने अमरत्व की कथा (अमर कथा) माता पार्वती को यहीं सुनाई थी, जिससे यह स्थान 'अमरनाथ' कहलाया। 4. कबूतरों का रहस्य ऐसी मान्यता है कि जब भगवान शिव अमर कथा सुना रहे थे, तब दो कबूतर यह कथा चुपचाप सुन रहे थे और वे आज भी अमर हैं। कई बार...

भोलेनाथ शिव शंकर जी की सावन कहानी तथा सावन सोमवार व्रत की महिमा

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  सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और आराधना का सबसे पवित्र समय माना जाता है। इस महीने में शिव जी की कृपा सहज ही प्राप्त होती है। शिव पुराण और स्कन्द पुराण में सावन के महत्व से जुड़ी कई कथाएं वर्णित हैं, जिनमें से एक प्रमुख कथा इस प्रकार है: सावन कथा: शिव भक्ति और समुद्र मंथन का अमृत एक बार देवताओं और असुरों ने मिलकर  समुद्र मंथन  किया। मंथन से निकले विष को भगवान शिव ने अपने कंठ में धारण कर लिया, जिससे उनका नाम  नीलकंठ  पड़ा। विष के प्रभाव से उनका शरीर तप्त हो उठा। देवताओं ने शिव जी को शीतलता प्रदान करने के लिए  सावन के महीने में उन पर जलाभिषेक किया । इससे प्रसन्न होकर शिव जी ने देवताओं को आशीर्वाद दिया और कहा कि  सावन में जो भी भक्त श्रद्धापूर्वक मेरी पूजा-अर्चना करेगा, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी । सावन सोमवार व्रत की महिमा सावन के प्रत्येक सोमवार को  शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और भांग चढ़ाने  का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस महीने में  माता पार्वती ने भी शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी , जिसके फलस्व...

🌿 सावन माह की धार्मिक महत्ता तथा सावन 2025 की महत्वपूर्ण तिथि व अवधि

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यह महीना भगवान शिव को समर्पित है,जिसमें सभी सोमवार (सोमवार व्रत) पर उपवास, जलाभिषेक, बेलपत्र अर्पण, मंत्र जाप एवं शिवालयों का विशेष पूजन किया जाता है। सावन माह में कई श्रावण प्रतिबद्ध व्रत जैसे मंगल गौरी, प्रदोष, नाग पंचमी आदि का भी विशेष महत्व है 1. भगवान शिव का प्रिय मास   सावन को भगवान शिव का प्रिय मास माना गया है। इसी मास में देवी पार्वती जी ने कठोर तप कर शिव जी को पति रूप में प्राप्त किया था, इसलिए यह माह विवाहित और कुंवारी कन्याओं के लिए भी खास होता है। 2. उत्तर भारत (पुर्णमांत कैलेंडर) प्रारम्भ: 11 जुलाई 2025 (शुक्रवार) समापन: 9 अगस्त 2025 (शनिवार) 3. 🙏 सोमवार का व्रत (श्रावण सोमवार) सावन के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।  इस दिन जलाभिषेक, बेलपत्र अर्पण, और "ॐ नमः शिवाय" का जाप शिवलिंग पर करने से विशेष लाभ  मिलता है। सावन 2025 की तारीख और अवधि उपवास और पूजा करने के प्रमुख दिन: ✨ उत्तर भारत के दिन                       14 जुलाई (सोमवार) – ...

यह रहे सफलता (Success) के बारे में 10 बेहतरीन प्रेरणादायक कथन (Quotes in Hindi) जो आपके अंदर जोश और आत्मविश्वास भर देंगे:

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✅ सफलता पर 10 प्रेरणादायक उद्धरण: 1. "सपने वो नहीं जो हम सोते वक्त देखते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते।" — ए.पी.जे. अब्दुल कलाम 2. "सफलता उन्हीं को मिलती है जो समय की कद्र करते हैं।" 3. "कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।" --हरिवंश राय बच्चन 4. "अगर आप खुद पर विश्वास करते हैं, तो दुनिया की कोई ताकत आपको हार नहीं सकती।" 5. "सफलता का रास्ता मेहनत से होकर जाता है, कोई शॉर्टकट नहीं होता।" 6. "हार मत मानो, महान चीजें समय लेती हैं।" 7. "जो बदलता है वही आगे बढ़ता है।" 8. "सफल लोग कोई अलग काम नहीं करते, वो काम को अलग तरीके से करते हैं।" — शिव खेरा 9. "आज की मेहनत, कल की सफलता तय करती है।" 10. "जब आप ठान लेते हैं, तो नामुमकिन कुछ भी नहीं।"

🕉️ श्री बजरंग बाण (शुद्ध वर्तनी सहित)

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मिलते हैं ये आध्यात्मिक लाभ 1. बजरंग बाण का पाठ करने से सभी रोग दूर होते हैं। 2. सभी काम में सफलता मिलती है। 3. भय से छुटकारा मिलता है। 4. हनुमान जी प्रसन्न प्रसन्न होते हैं। 5. जीवन में सफलता प्राप्त होती है। 6. मानसिक शांति मिलती है। ||दोहा|| निशचय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥ चौपाई जय हनुमंत संत हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥ जन के काज बिलंब न कीजै । आतुर दौरि महा सुख दीजै ॥ जैसे कूदि सिंधु महिपारा । सुरसा बदन पैठि बिस्तारा ॥ आगे जाय लंकिनी रोका । मारेहु लात गई सुरलोका ॥ जाय बिभीषन को सुख दीन्हा । सीता निरखि परमपद लीन्हा ॥ बाग उजारि सिंधु महँ बोरा । अति आतुर जमकातर तोरा ॥ अक्षय कुमार मारि संहारा । लूम लपेटि लंक को जारा ॥ लाह समान लंक जरि गई । जय जय धुनि सुरपुर नभ भई ॥ अब बिलंब केहि कारन स्वामी । कृपा करहु उर अन्तर्यामी ॥ जय जय लखन प्राण के दाता । आतुर ह्वै दुःख करहु निपाता ॥ जै गिरिधर जै जै सुख सागर । सुर-समूह-समरथ भटनागर ॥ ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले । बैरिहि मारु बज्र की कीले ॥ गदा बज्र लै बैरिहिं मारो। महारा...

मत्स्य पुराण हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में से एक है। यह एक सांहितिक (encyclopedic) ग्रंथ है, जिसमें धर्म, पुरातत्व, खगोलशास्त्र, भूगोल, वास्तुशास्त्र, तीर्थों का वर्णन, और पौराणिक कथाएँ मिलती हैं।

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🔱 संक्षिप्त विवरण: मत्स्य पुराण नाम का अर्थ: "मत्स्य" का अर्थ है मछली, और यह पुराण भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार (मत्स्य = मछली रूप) पर आधारित है। मुख्य विषय: यह पुराण भगवान विष्णु द्वारा मछली का रूप धारण कर मनु (प्रथम मानव) को प्रलय से बचाने और धर्म-ज्ञान प्रदान करने की कथा से आरंभ होता है। 📜 मुख्य विषयवस्तु: मत्स्य अवतार की कथा: भगवान विष्णु एक छोटी मछली के रूप में प्रकट होकर मनु को प्रलय के बारे में चेतावनी देते हैं, और सप्तऋषियों व जीवों को नौका द्वारा बचाते हैं। सृष्टि की उत्पत्ति: ब्रह्मा, विष्णु, शिव और अन्य देवताओं की उत्पत्ति व कार्य। धर्म और आचार: दान, व्रत, तीर्थयात्रा, पिंडदान, श्राद्ध और विभिन्न धार्मिक विधियों का वर्णन। वास्तुशास्त्र: मंदिर निर्माण, मूर्ति-स्थापना, नगर नियोजन और वास्तु सिद्धांतों का गहन वर्णन। तीर्थों का विवरण: भारत के विभिन्न पवित्र तीर्थ स्थलों का महत्व और यात्रा-विधान। राजधर्म और नीतिशास्त्र: एक राजा के कर्तव्य, राजनीति के सिद्धांत और आदर्श शासन प्रणाली का वर्णन। ज्योतिष और कालगणना : नक्षत्र, तिथियों, योग, ग्रहों...

🕉️ वेद और पुराण में अंतर:

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| क्रम | विषय | **वेद** | **पुराण** | | | | 1️⃣| **अर्थ | “ज्ञान” या “विद्या” | “प्राचीन कथा” या “इतिहास” | | 2️⃣ | **संरचना | चार वेद: ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद | 18 महापुराण + 18 उपपुराण (जैसे विष्णु पुराण, शिव पुराण, भागवत पुराण आ 1000 CE के बीच) | 3️⃣ | **काल (रचना समय)** | लगभग 1500–1000 BCE (सबसे प्राचीन) | बाद के युग में रचे गए (300 BCE से 1000 CE के बीच) | | 4️⃣ | **लेखक** | ऋषियों द्वारा श्रुति के रूप में प्राप्त | व्यास जी ने संकलन किया | | 5️⃣ | **प्रकृति** | श्रुति (सीधा ईश्वर से प्राप्त ज्ञान) | स्मृति (मानवों द्वारा लिखा गया ज्ञान) | | 6️⃣ | **मुख्य विषय** | यज्ञ, मंत्र, देवताओं की स्तुति, दर्शन, तपस्या | धर्म, इतिहास, पुरानी कथाएं, अवतार, सृष्टि की उत्पत्ति, लोकनीति | | 7️⃣ | **भाषा** | वैदिक संस्कृत (कठिन) | लौकिक संस्कृत (थोड़ी सरल) | | 8️⃣ | **उद्देश्य** | आध्यात्मिक ज्ञान व यज्ञ-विधि | जनता को नैतिकता, इतिहास व भक्ति का ज्ञान देना | 🔹 वेद क्या हैं? ...